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लेखनी कहानी -28-Nov-2021

शरद रितु भी देख इनको

                 ठंड से है सिकुड़ जाती 
हैं अडिग हिमखंड पर भी 
                  तानकर ये चौडी छाती 
अग्नि में तप ढल रहे हैं 
                  कर्म पथ पर चल रहे हैं 
आँधियो के संग देखो
              ये क्षितिज तक चल रहे हैं 
लाख कष्टों में भी देखो
                         मुसकुराते मौन है 
हम सभी पहचान ले 
                     ये वीर योद्धा कौन हैं 
न कोई रथ ही मिले 
                         न ही कोई सारथी 
फिर भी उतारे नित्य 
                ये माँ भारती की आरती 
है बिकट दुसाद्ध्य 
                    ये राष्ट्र की आराधना 
चरणों में माँ के शीश
                 रख ये कर रहे हैं साधना 
इन्हीं की साधना से 
                  चमन में फूल खिलते हैं 
बडी तकदीर वालों को
                    कफ़न रंगीन मिलते हैं 
उदयबीर सिंह गौर
 खमहौरा 
बांदा
 उत्तर प्रदेश 

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11 Comments

Ridima Hotwani

02-Dec-2021 11:28 AM

बहुत खूब

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Dr. SAGHEER AHMAD SIDDIQUI

30-Nov-2021 07:10 PM

Wah

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Gunjan Kamal

30-Nov-2021 03:30 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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